Sunday 26 November 2017

नज़रया

सच झूठ मे आपका स्वागत है। 
      मैं आज सच झूठ में आप सब को एक कहानी बताना चाहता हूँ।
 लोगो को सच बोलने मे डर लगता है पर झूट बोलने मे बेफिक्र हो के  बोलते हैं। 
आज के ज़माने में झूठे लोगो की ही कदर होती हैं। और सच की कदर कही पे भी नहीं होती हैं। 
आज भी देखने से लगता हैं,की बच्चे अपने परिवार से सच बोलने में  डरते हैं 
जबकी आज कल के बचे और उनके परिवार बेफिक्र होते हैं।
लोगो को समझने के  लिए उनकी बातो से ही पहचान सकते हो
पर उनकी अदाए भी जरुरी होती हैं समझने क लिए।
पर लोगो को बहकाने के लिए उनकी बातें ही काफी हैं।
इसलिए मेरी आपलोगो से इल्तिज़ा हैं की जितना हो सके झूठे लोगो से दूर रहिये और सच को पहचानने की सोच खुद में  लाइए।   

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